मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
Swadeshi Geet मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी मेरा हो....
मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी !
मर जाऊं तो भी मेरा
-होए कफन स्वदेशी !!
चट्टान टूट जाए, तूफान घुमड़ के आए !
गर मौत भी पुकारे ,तो भी लक्ष्य हो स्वदेशी !!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
जो गाँव में बना हो, और गाँव में खपा हो !
जो गाँव को हँसाए , जो गांव को बसाए !
वह काम है स्वदेशी ,वह नाम है स्वदेशी !!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
जो हाथ से बना हो, या गरीब से लिया हो !
जिसमें स्नेह भरा हो ,वह चीज है स्वदेशी !!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मानव का धर्म क्या
है ,
मानव का दर्द जाने !
जो करे मनुष्यता की ,रक्षा वही स्वदेशी !!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
करें शक्ति का
विभाजन,
मिटें पूँजी का ये
शासन !
बने गाँव स्वावलम्बी
,
वह नीति है स्वदेशी
!!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
तन में बसन स्वदेशी, मन में लगन स्वदेशी !
फिर हो भवन - भवन में, विस्तार हो स्वदेशी !!
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी,
मर जाऊं तो भी मेरा
होए कफन स्वदेशी ।
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