जीत नही तो
हार ही सही,
सुख नहीं तो
दुख ही सही,
अपने नहीं तो
पराए ही सही,
दोस्ती नहीं तो
दुश्मनी ही सही,
जीवन नहीं तो
मृत्यु ही सही,
आदि नहीं तो 
अंतही सही,
हमसफर नहीं तो 
हमराही ही सही,
धरती नहीं तो 
आसमांही सही
जल नहीं तो
अग्नि ही सही, 
नव नहीं तो
पुरातन ही सही,
ज्ञान नहीं तो
अज्ञान ही सही।


राजीव डोगरा 'विमल'
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक)
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल,ठाकुरद्वारा।
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